
नींद हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए उतनी ही ज़रूरी है जितनी भोजन और पानी। अच्छी नींद से शरीर को आराम मिलता है, दिमाग तरोताज़ा होता है और दिनभर की थकान मिट जाती है। लेकिन आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव, मोबाइल और अनियमित दिनचर्या की वजह से बहुत से लोगों को रात में नींद नहीं आती। इसे अनिद्रा (Insomnia) कहा जाता है। अगर लंबे समय तक नींद न आने की समस्या बनी रहे तो यह गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इसका समाधान किया जाए।
नींद न आने के कारण
दिमाग में लगातार चलने वाले विचार और चिंता नींद को भगा देते हैं।मोबाइल और टीवी का इस्तेमाल: रात को देर तक मोबाइल चलाना या टीवी देखना नींद की लय बिगाड़ देता है। कैफीन और चाय-कॉफी: सोने से पहले ज्यादा चाय या कॉफी पीने से दिमाग सक्रिय रहता है और नींद आने में देर होती है। देर से सोना और देर से उठना नींद की आदतों को गड़बड़ा देता है। कई बार नींद न आना स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे थायरॉयड, डिप्रेशन या हार्मोनल असंतुलन का भी संकेत हो सकता है।
सोने का समय तय करें
हर दिन एक ही समय पर सोने और उठने की आदत डालें। नियमित दिनचर्या से शरीर खुद-ब-खुद नींद के लिए तैयार हो जाता है। सोने से कम से कम आधा घंटा पहले मोबाइल, टीवी या लैपटॉप बंद कर दें। स्क्रीन की ब्लू लाइट दिमाग को सक्रिय रखती है जिससे नींद नहीं आती। रात को बहुत भारी या मसालेदार भोजन करने से नींद आने में परेशानी होती है। सोने से पहले हल्का और पौष्टिक भोजन लें। शाम के बाद चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजों से बचें। यह दिमाग को उत्तेजित करती हैं और नींद भगाती हैं। सोने का कमरा शांत, ठंडा और अंधेरा होना चाहिए। मुलायम बिस्तर और आरामदायक तकिया नींद लाने में मदद करते हैं। अगर नींद न आए तो परेशान न हों। हल्की किताब पढ़ें या ध्यान (Meditation) करें। इससे दिमाग शांत होगा और धीरे-धीरे नींद आने लगेगी।
