
पीएम नरेंद्र मोदी चीन के तिआनजिन शहर में चल रहे एससीओ समित में शामिल हुए थे। करीब 7 साल बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन की धरती पर कदम रखा था। एक घंटे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की लंबी द्विपक्षीय वार्ता हुई। दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के बीच मीटिंग में शी जिनपिंग ने अपनी बात रखते हुए कहा, दोस्त बनना, अच्छे पड़ोसी बनना और ड्रैगन और हाथी (यहां पर चीन और भारत की बात हो रही है) का एक साथ आना बहुत जरूरी है।पीएम नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय रिश्तों में हालिया प्रगति पर जोर दिया।

पीएम मोदी ने मीटिंग के वक्त सीमा विवाद पर खास प्रतिनिधियों के बीच समझौता हुआ, कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली और दोनों देशों के बीच डायरेक्टर फ्लाइट्स शुरू करने पर चर्चा की। अपनी बात रखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा,” दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हिट हमारे सहयोग से जुड़े हैं। यह पूरी मानवता के कल्याण का भी मार्ग प्रशस्त करेगा। हम आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन आने पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा,” आपसे दोबारा मिलकर बहुत खुशी हुई। मैं आपको चीन में एससीओ समित के लिए स्वागत करता हूं। पिछले साल हमारी कजान में सफल मुलाकात हुई थी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि दुनिया इस समय बड़े बदलावों के दौरे से गुजर रही है। चीन और भारत न सिर्फ दो सबसे प्राचीन सभ्यताएं हैं, बल्कि दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश भी हैं और ग्लोब्ल साउथ का हिस्सा हैं। अब देखना ये होगा कि पीएम नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की दोस्ती अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कैसे टेंशन बढ़ा सकती है।
