
चीन में एससीओ समित के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी, व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग के अलग ही अंदाज देखने को मिला। इस मीटिंग ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के होश उड़ाने के काम आसानी से कर दिए। जिस भारत देश को कमजोर समझ रहा था, उस देश के पीएम से विश्व के दो बड़े देशों के नेता बड़ी गर्मजोशी के साथ मिलते हुए नजर आएं। ये बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कुछ रास नहीं आई और उन्होंने इस समिट को लेकर एक बड़ी बात कह दी, जिसके चलते उसे अपने ही देश की मीडिया की नाराजगी झेलनी पड़ी। उनका मानना है कि ट्रंप ने जिस तरह से बदले की भावना से भारत पर टैरिफ लगाया है उससे नई दिल्ली चीन और रूस जैसे बड़े देशों के करीब जाने के लिए मजबूर हुआ है।

अपनी बात रखते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “बहुत कम लोग यह जानते हैं कि हम भारत के साथ बहुत थोड़ा व्यापार करते हैं, लेकिन वे हमारे साथ बहुत ज्यादा व्यापार करते हैं। भारत अपने सबसे बड़े ग्राहक अमेरिका को भारी मात्रा में सामान बेचता है, लेकिन हम उन्हें बहुत कम बेचते हैं। अब तक यह पूरी तरह से एकतरफा रिश्ता रहा है और यह कई दशकों से चला आ रहा है।”अमेरिकी मीडिया इस समय चीन के तियानजिन में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन की रिपोर्ट से भरा पड़ा है।

एनबीसी न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “पीएम मोदी, व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग का एक दूसरे का हाथ पकड़ा, गले मिलना वशिंगटन में सबका ध्यान खींचने के लिए किया गया था।” इसमें कहा गया कि तीनों नेताओं के गले मिलने के भाव और समय को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। वाशिंगटन पोस्ट ने कहा, ऐसा लगता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन का मुकाबला करने के लिए बहुपक्षीय गठबंधन बनाने की रणनीति पर जोर न देकर जिस देश के साथ भी द्विपक्षीय संबंध है उसका लाभ उठाने पर ज्यादा ध्यान दिया।
