
नई दिल्ली। अनंत चतुर्दशी 2025 का पर्व इस बार खास रहने वाला है। इस दिन कई दुर्लभ योगों का संगम बन रहा है, जिससे भगवान विष्णु की पूजा का महत्व और भी बढ़ जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना, व्रत और अनंत सूत्र बांधने की परंपरा है।
अनंत चतुर्दशी 2025 की तिथि व समय
तिथि प्रारंभ: 5 सितंबर 2025, प्रातः 06:12 बजे
तिथि समाप्त: 6 सितंबर 2025, प्रातः 04:45 बजे
पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त: 5 सितंबर 2025, दोपहर 12:05 बजे से शाम 05:45 बजे तक
इस बार बन रहे दुर्लभ योग
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार अनंत चतुर्दशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का संयोग रहेगा। इन योगों में की गई पूजा-अर्चना का फल कई गुना अधिक मिलता है और भक्तों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पूजा विधि और महत्व
सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
शंख, चक्र, गदा और पद्म से भगवान का पूजन करें।
अनंत सूत्र (14 गांठ वाला धागा) को पूजा कर दाएं हाथ में बांधें।
‘ॐ अनंताय नमः’ मंत्र का जाप करें।
अनंत चतुर्दशी व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से असीम सुख, धन-समृद्धि और पारिवारिक सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह व्रत करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है।