
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्यवासियों को बड़ी खुशखबरी दी है। अब महर्षि वाल्मीकि जयंती पर प्रदेशभर में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इस संबंध में सरकार ने आधिकारिक शासनादेश जारी कर दिया है। आदेश के मुताबिक, यह छुट्टी राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों और निगम कार्यालयों पर लागू होगी।
महर्षि वाल्मीकि को आदि कवि के रूप में जाना जाता है। उन्होंने ही संस्कृत महाकाव्य रामायण की रचना की थी, जो आज भी भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों का दर्पण मानी जाती है। वाल्मीकि जयंती हर साल आश्विन पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है, और इस वर्ष यह तिथि विशेष उत्साह के साथ 17 अक्टूबर को पड़ेगी।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने बताया कि यह निर्णय “सामाजिक समरसता और भारतीय संस्कृति के महान संतों के योगदान” को सम्मान देने के उद्देश्य से लिया गया है। शासनादेश जारी होते ही शिक्षा विभाग और प्रशासनिक इकाइयों में इसकी सूचना प्रसारित कर दी गई है।
राज्य सरकार का मानना है कि ऐसे अवकाश न केवल श्रद्धा और परंपरा को मजबूत करते हैं बल्कि समाज के सभी वर्गों को एकता और समानता का संदेश भी देते हैं। वाल्मीकि जयंती के अवसर पर पूरे प्रदेश में शोभायात्राएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामूहिक पूजन का आयोजन भी किया जाएगा।
इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और विद्यार्थियों में खुशी की लहर है। कई सामाजिक संगठनों ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि यह महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का सराहनीय प्रयास है।
योगी सरकार का यह निर्णय न केवल एक अवकाश की घोषणा है, बल्कि यह समाज के उस वर्ग के प्रति सम्मान का प्रतीक है, जिसने भारतीय सभ्यता और संस्कृति को नई दिशा दी। वाल्मीकि जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा से उत्तर प्रदेश में धार्मिक और सामाजिक सौहार्द का संदेश और मजबूत हुआ है। by shruti kunari
