
11 जुलाई से सावन के पवित्र महीने की शुरुआत होने जा रही है। ये वो पावन पर्व है जब महादेव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसी वजह से ये महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए सबसे खास माना गया है। भोलेनाथ पर इस महीने जलाभिषेक किया जाता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि समुद्र मंथन के वक्त जो विष निकला था। उसे भगवान शिव ने पिया था। उसकी पीड़ा को कम करने के लिए ही भगवान शिव को जल अर्पित करने की परंपरा है। आइए जानते हैं कि इस महीने आप किस-किस वक्त भगवान शिव को जल अर्पित कर सकते हैं।

इस बार 4 सोमवार का संयोग बन रहा है। पहला सावन सोमवार 14 जुलाई, दूसरा 21 जुलाई, तीसरा 28 जुलाई और चौथा सावन सोमवार 4 अगस्त 2025 को है। अब हम आपको बताते हैं कि कैसे और किस तरह से आपको भगवान शिव को जल अर्पित करना चाहिए।

कैसे करें भगवान शिव का जलाभिषेक?
सबसे पहले आप भगवान शिव को जल अर्पित करने के लिए पूर्व या फिर ईशान कोण की तरफ मुंह करके बैठ जाइए। याद रखें कि आप भूलकर भी खड़े होकर जल नहीं चढ़ाएं। जल चढ़ाने के लिए तांबे के लौटे का इस्तेमाल करें। फिर धीरे-धीरे करके शिवलिंग पर जल अर्पित करें। इस दौरान आप “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते रहें. इसके बाद बेलपत्र अर्पित करें। बाद में भगवान शिव की आरती गाएं और उन्हें भोग अर्पित करें।
