
जन्माष्टमी के दिन इस बात को लेकर दुविधा बनी हुई है कि 15 अगस्त या फिर 16 अगस्त में से किसी रात को ये त्योहार मनाया जाने वाला है। दरअसल पंचांग के मुताबिक 15 अगस्त की रात 11.49 बजे अष्टमी तिथि शुरू हो रही है। इसका समापन 16 अगस्त को रात्रि 9.24 बजे होगी। ऐसे में 16 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार मनाना उचित होगा।जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त – 16 अगस्त को रात्रि 12:04 से लेकर 12:45 तक रहेगा। – व्रत पारण का समय- 17 अगस्त के दिन सुबह 05.51 बजे तक है।

कैसे करें जन्माष्टमी की पूजा
जन्माष्टमी पर पूजा करने के लिए, सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। फिर, लड्डू गोपाल को पंचामृत या गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें नए वस्त्र पहनाएं। इसके बाद, उन्हें चंदन, फूल, और आभूषणों से सजाएं। फिर, दीपक जलाकर आरती करें, माखन-मिश्री का भोग लगाएं, और भजन-कीर्तन करें।

भगवान कृष्ण के मंत्र
- ॐ कृष्णाय नमः
- ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
- ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
- ओम क्लीम कृष्णाय नमः
- गोकुल नाथाय नमः
- ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः
- हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे । हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
- ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।
- सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।
