
अयोध्या। आगामी 7 सितंबर 2025 को लगने वाले चंद्रग्रहण का प्रभाव अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भी देखने को मिलेगा। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और परंपरा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है कि ग्रहण काल के कारण दोपहर बाद से सभी दर्शन पास निरस्त कर दिए जाएंगे। इस दौरान रामलला के दर्शन सामान्य रूप से संभव नहीं होंगे।
ग्रहण का असर
हिंदू परंपराओं के अनुसार चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण के समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस नियम का पालन अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भी किया जाएगा। चंद्रग्रहण की अवधि के दौरान मंदिर के भीतर कोई धार्मिक क्रिया या दर्शन की व्यवस्था नहीं रहेगी।
दर्शन पास निरस्त
मंदिर प्रशासन ने साफ किया है कि 7 सितंबर को दोपहर बाद जारी किए गए सभी दर्शन पास अमान्य माने जाएंगे। ऐसे श्रद्धालु जिनके पास इस समयावधि के लिए पास है, उन्हें मंदिर आने की आवश्यकता नहीं होगी।
कब खुलेगा मंदिर?
चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर में शुद्धिकरण और विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके उपरांत रामलला के कपाट खोले जाएंगे और भक्तों को पुनः दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
श्रद्धालुओं के लिए अपील
मंदिर प्रशासन ने देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे 7 सितंबर की दोपहर बाद मंदिर आने की योजना न बनाएं और अपने कार्यक्रम समय से पहले या ग्रहण के अगले दिन निर्धारित करें।
इस प्रकार, 7 सितंबर 2025 का चंद्रग्रहण न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा बल्कि अयोध्या आने वाले लाखों भक्तों के लिए भी विशेष मायने रखता है।
