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Bhadrapada 2025: कब से शुरू होगा भादो का महीना, ज्योतिषाचार्य से जानिए तिथि, महत्व और क्या करें-क्या न करें!

Bhadrapada 2025: भाद्रपद माह, जिसे आम बोलचाल में भादो भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का छठा महीना होता है। यह माह विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठानों, व्रतों और त्योहारों से परिपूर्ण होता है। वर्ष 2025 में भाद्रपद मास का आरंभ 27 अगस्त 2025, बुधवार से होगा और यह 25 सितंबर 2025, गुरुवार तक रहेगा।

भाद्रपद माह 2025 की प्रमुख तिथियां

कृष्ण पक्ष की एकादशी: 08 सितंबर 2025

अमावस्या (भाद्र अमावस्या): 11 सितंबर 2025

शुक्ल पक्ष की एकादशी (पार्श्व एकादशी): 23 सितंबर 2025

पुनर्वसु व्रत, ऋषि पंचमी, हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी आदि इसी महीने में आते हैं।

गणेश चतुर्थी: 14 सितंबर 2025

अनंत चतुर्दशी: 25 सितंबर 2025

भाद्रपद मास का धार्मिक महत्व:
भादो माह में भक्ति, साधना और संयम का विशेष महत्व माना गया है। इस मास में भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस माह में स्नान, दान, व्रत और जप से पुण्य की प्राप्ति होती है।

गणेश चतुर्थी: भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

ऋषि पंचमी: स्त्रियों द्वारा पवित्रता की रक्षा के लिए किया जाने वाला व्रत।

हरतालिका तीज: महिलाओं द्वारा अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाने वाला व्रत।

क्या करें भाद्रपद मास में?
प्रतिदिन स्नान के बाद भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण का स्मरण करें।
व्रत एवं उपवास का पालन करें (विशेषकर एकादशी और चतुर्थी को)।
जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और दान-पुण्य करें।
तुलसी, पीपल और बेलपत्र की पूजा करें।
धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें,जैसे श्रीमद्भागवत, विष्णु सहस्रनाम आदि।

क्या न करें इस माह में?

  • मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है।
  • ब्रह्मचर्य का उल्लंघन नहीं करना चाहिए, विशेषकर एकादशी व्रत के दिनों में।
  • अत्यधिक क्रोध, आलस्य और कटु वचन से बचें।
  • नकारात्मक विचारों और गपशप से दूरी बनाएं।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य?
पंडितों के अनुसार, भाद्रपद मास में चंद्रमा की स्थिति विशेष रूप से मानसिक संतुलन को प्रभावित करती है। यह समय आत्मिक शुद्धि और ध्यान-साधना का उत्तम काल है। यदि कोई व्यक्ति इस माह में धार्मिक गतिविधियों में लीन रहता है, तो उसे सौभाग्य, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

भाद्रपद मास न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आत्मिक उन्नति के लिए भी अत्यंत शुभ समय माना जाता है। यदि आप भी इस पावन माह का पूर्ण लाभ उठाना चाहते हैं, तो उपरोक्त बातों का पालन करें और अपने जीवन में शांति, संतुलन और सफलता लाएं।

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