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Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज को तीनों तीज में सबसे खास क्यों माना जाता है?

Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज को तीनों तीज में सबसे खास क्यों माना जाता है? भारत में व्रत-त्योहारों का अपना अलग ही महत्व है। इन्हीं पर्वों में से एक है हरतालिका तीज, जिसे खासतौर पर उत्तर भारत और नेपाल के कई हिस्सों में बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। तीज का पर्व साल में तीन बार आता है—हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज। इनमें से हरतालिका तीज का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है क्योंकि यह केवल महिलाओं का त्योहार ही नहीं, बल्कि अखंड सौभाग्य, वैवाहिक सुख और जीवन में समृद्धि की कामना से जुड़ा हुआ है।

हरतालिका तीज कब मनाई जाती है?
यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है। साल 2025 में यह तिथि 28 अगस्त, गुरुवार को पड़ रही है। इसी दिन महिलाएं पूरे दिन का निर्जला व्रत रखती हैं और रातभर जागरण कर भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।

हरतालिका तीज का महत्व
कहते हैं कि माता पार्वती ने हिमालय पर कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। भादो मास की तृतीया को उन्होंने अपने तप का फल पाया और शिवजी से विवाह किया। तभी से यह दिन पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य के लिए खास माना जाने लगा। यही वजह है कि विवाहित महिलाएं अपने पति के लंबी आयु की कामना करती हैं, वहीं अविवाहित कन्याएं इस व्रत को अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं।

पूजा की विशेष परंपराएँ
इस दिन महिलाएं रेत से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियाँ बनाती हैं और उनकी विधिवत पूजा करती हैं। निर्जला व्रत रखकर महिलाएं पूरे दिन पानी तक ग्रहण नहीं करतीं। रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन गाना, शिव-पार्वती की कथा सुनना और पूजा करना इस पर्व की विशेषता है। सजधज कर महिलाएं हरी चूड़ियां, लाल साड़ी और सोलह श्रृंगार करती हैं, जो सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

हरतालिका तीज तीनों तीज में सबसे खास क्यों?
यह व्रत कठिनतम व्रतों में से एक माना जाता है क्योंकि इसमें बिना जल ग्रहण किए पूरा दिन और रात काटनी होती है।
इसका संबंध सीधे भगवान शिव-पार्वती के दिव्य विवाह से है, जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है।
यह न केवल विवाहित बल्कि कन्याओं के लिए भी फलदायी है।
इसमें पूजा का सबसे अनोखा रूप रेत से मूर्ति बनाकर पूजा करना—दूसरे किसी व्रत में नहीं मिलता।
इसे अखंड सौभाग्य का पर्व कहा जाता है, इसलिए यह सबसे खास माना जाता है।

हरतालिका तीज महिलाओं की आस्था, शक्ति और संकल्प का प्रतीक है। यह पर्व न केवल दांपत्य जीवन को मजबूत बनाता है बल्कि परिवार में सुख-समृद्धि और सौभाग्य भी लाता है। यही कारण है कि तीज के तीनों पर्वों में हरतालिका तीज को सबसे पवित्र और विशेष स्थान प्राप्त है।

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