
ब्रेस्ट कैंसर दुनिया भर में महिलाओं के बीच सबसे आम कैंसर में से एक है। अक्सर लोग मानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर का पहला और मुख्य लक्षण स्तन में गांठ (लंप) होना है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। हर ब्रेस्ट कैंसर में गांठ बनना ज़रूरी नहीं होता। कई बार यह बीमारी ऐसे लक्षणों के साथ सामने आती है जिन्हें महिलाएँ नज़रअंदाज़ कर देती हैं। समय रहते इन संकेतों को पहचानना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि शुरुआती चरण में पता लगने पर ब्रेस्ट कैंसर का इलाज आसान और सफल हो सकता है।
- स्तन का आकार या आकार में बदलाव
अगर अचानक किसी एक स्तन का आकार दूसरे की तुलना में बड़ा या छोटा लगने लगे, या उसका शेप असामान्य लगे तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। यह ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है। - त्वचा पर गड्ढे या मोटापन
स्तन की त्वचा पर छोटे-छोटे गड्ढे पड़ना, मोटापन आना या संतरे के छिलके जैसी बनावट होना खतरनाक लक्षण हो सकता है। यह कैंसर कोशिकाओं के कारण त्वचा पर दबाव बनने की वजह से होता है। - लगातार दर्द या भारीपन
अक्सर महिलाएँ स्तन में होने वाले दर्द को सामान्य हार्मोनल बदलाव या पीरियड्स से जोड़ लेती हैं। लेकिन अगर दर्द लगातार बना रहे, या स्तन में भारीपन महसूस हो, तो यह कैंसर की चेतावनी हो सकती है। - बगल या कंधे के पास सूजन
कई बार कैंसर की कोशिकाएँ लिम्फ नोड्स तक पहुँच जाती हैं। ऐसे में बगल या कंधे के पास गांठ या सूजन महसूस हो सकती है। यह भी शुरुआती संकेत हो सकता है। - त्वचा का रंग बदलना
अगर स्तन की त्वचा का रंग अचानक लाल, नीला या काला दिखने लगे, या उस हिस्से में जलन और खुजली बनी रहे, तो इसे सामान्य एलर्जी या संक्रमण समझने की गलती न करें। - थकान और कमजोरी
लगातार थकान रहना, वजन कम होना और शरीर में कमजोरी आना भी ब्रेस्ट कैंसर के अप्रत्यक्ष संकेत हो सकते हैं।
