
खेल के पन्नों में अक्सर ऐसे दिन दर्ज होते हैं, जब एक या दो खिलाड़ियों की अद्भुत उपलब्धि पूरी टीम को कैरिस्मा देती है। भारत ए ने एक ऐसा ही दिन लिखा है. जब केएल राहुल और साई सुदर्शन ने शतक ठोककर टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई और “ए” टीम क्रिकेट की धड़कन को ऊँचा कर दिया। भारत ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच भारत में चल रहे इस अनऑफिशियल टेस्ट सीरीज़ की दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ए ने 412 रन का विशाल लक्ष्य रखा। इस तरह का लक्ष्य ‘ए’ टीम स्तर पर किसी भी टीम के लिए चुनौतीपूर्ण ही नहीं, बल्कि लगभग अभूतपूर्व था। भारत ए के सामने यही प्रश्न था — क्या ये लक्ष्य ओवर-कॉम किया जा सकता है?
राहुल का धाकड़ प्रदर्शन
केएल राहुल ने अपनी क्रीज़ पर महारथ दिखाई। उन्होंने 216 गेंदों में नाबाद 176 रन बनाए, जिसमें 16 चौके और 4 छक्के शामिल थे। इस पारी ने न केवल भारत ए की उम्मीदों को जीवित रखा, बल्कि अंततः टीम को लक्ष्य पार कराने में निर्णायक भूमिका निभाई। राहुल ने तीसरे दिन एक चोट के कारण “रिटायर हर्ट” होना पड़ा था, पर चौथे दिन फिर लौटकर उन्होंने शांत, संयत और आक्रमक बल्लेबाज़ी से टीम को विजय के करीब ले गए।

सुदर्शन की ठोस पारी
राहुल की आंधी के सामने, साई सुदर्शन ने टीम को निराश नहीं किया। उन्होंने 100 रन (172 गेंदों में) की धैर्यपूर्ण पारी खेली, जिसमें 9 चौके और 1 छक्का शामिल था। सुदर्शन की यह पारी इस उच्च दबाव वाले मुकाबले में एक मजबूत धुरी बनकर खड़ी हुई. जब अन्य बल्लेबाज संघर्ष कर रहे थे, उन्होंने संतुलन बनाए रखा और टीम को लक्ष्य से बहुत करीब ले गए।
टीम का सामूहिक योगदान
सुदर्शन और राहुल के बीच शानदार साझेदारी ने भारत ए को लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ाया। कप्तान ध्रुव जुरेल ने अपनी ओर से 56 गेंदों में 56 रन की गति से पारी को और मजबूती दी। अंत में, राहुल और नितीश कुमार रेड्डी के बीच अनब्रेकेन 31 रन की जोड़ी ने भारत ए को 5 विकेट से जीत दिलाई। इस जीत के ज़रिए भारत ए ने सीरीज़ 1-0 से जीत ली, क्योंकि पहले मैच ड्रॉ हुआ था।
रिकॉर्ड और महत्व
इस जीत के साथ भारत ए ने किसी ‘ए’ टीम द्वारा अब तक का सबसे बड़ा सफल चेज़ दर्ज किया है। इसने ऑस्ट्रेलिया ए के 367 रन चेज़ (ऑस्ट्रेलिया ए ने श्रीलंका ए के खिलाफ किया था) का रिकॉर्ड तोड़ा।
इसके अलावा, भारत में 400+ रन का यह सफल चेज़ भी काफी दुर्लभ है — यह भारतीय प्रथम श्रेणी (First-Class) क्रिकेट में छठा सबसे बड़ा पीछा करने में से एक बन गया। इसका मतलब यह है कि भारत ए ने इतिहास रचा है न सिर्फ एक बड़ी जीत के रूप में, बल्कि यह संदेश देते हुए कि “ए” टीम स्तर पर भी बड़े-से-बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। इस मैच में राहुल की अनुभवी भूमिका और सुदर्शन की युवा जोश का मिलन एक प्रेरणा का संदेश है। इस तरह का प्रदर्शन न सिर्फ टीम को जीत दिलाता है, बल्कि खिलाड़ियों को आत्मविश्वास और पहचान भी देता है। सुदर्शन की यह पारी यह संकेत देती है कि वह सिर्फ एक वादा नहीं, बल्कि इस टीम का भविष्य है। राहुल जैसे अनुभवी खिलाड़ी के साथ इस रूप में कदमताल करना, टीम के युवाओं के लिए एक सुनहरी सीख है। BY SHRUTI KUMARI
