
हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व होता है, और इस पवित्र महीने में विवाहित महिलाएं मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखती हैं। यह व्रत विशेष रूप से सुख-समृद्धि, सौभाग्य और पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाता है। मंगला गौरी व्रत सावन महीने के प्रत्येक मंगलवार को रखा जाता है.
इस दिन देवी गौरी की पूजा बड़े श्रद्धा-भाव से की जाती है और व्रत के नियमों का पालन बेहद सख्ती से किया जाता है। आइए जानते हैं इस व्रत में किन चीजों का सेवन करना चाहिए और किन चीजों से पूरी तरह परहेज करना चाहिए।
मंगला गौरी व्रत में क्या खाएं?
- सात्विक भोजन करें
व्रत के दौरान सात्विकता का पालन जरूरी है। व्रती को केवल फलाहार और व्रत अनाज खाना चाहिए। इसमें आलू, साबूदाना, कुट्टू का आटा, राजगीरा, सिंघाड़े का आटा आदि शामिल हैं।

- फल और दूध का सेवन करें
दिन भर ऊर्जा बनाए रखने के लिए फल, दूध, दही और ड्रायफ्रूट्स का सेवन किया जा सकता है। केला, सेब, अंगूर, अनार, पपीता जैसे फल उपयुक्त होते हैं।
- व्रत की थाली में शामिल करें
आप व्रत में साबूदाने की खिचड़ी, आलू की सब्जी, मूंगफली, मखाना, लौकी या कद्दू की सब्जी, शक्कर से बनी मिठाइयाँ जैसे पेड़ा या खीर का सेवन कर सकती हैं।
किन चीजों से करें परहेज?
- नमक का सीमित या सेंधा नमक का ही प्रयोग करें
सामान्य नमक (साधारण आयोडीन वाला नमक) का उपयोग वर्जित है। व्रत में केवल सेंधा नमक का प्रयोग करना चाहिए। - अनाज और दालों का सेवन ना करें
मंगला गौरी व्रत के दिन चावल, गेहूं, दाल, मांस, अंडा, लहसुन, प्याज आदि का सेवन पूरी तरह वर्जित होता है। - तली-भुनी चीजें न खाएं
अत्यधिक तेल-मसाले वाले व्रत स्नैक्स जैसे चिप्स या फ्राइड आइटम से बचना चाहिए। व्रत की पवित्रता बनाए रखने के लिए हल्का भोजन करें। - पैकेज्ड और प्रिज़र्व्ड फूड से दूरी बनाए रखें
बाजार से पैकेज्ड खाद्य पदार्थ जैसे इंस्टैंट व्रत मिक्स, मिठाई या जूस आदि से परहेज करना चाहिए। घर पर बना शुद्ध भोजन ही करें।
