
भारतीय महिला शूटिंग की दुनिया में आज मनु भाकर एक ऐसा नाम बन चुकी हैं, जिन्होंने कम उम्र में ही विश्व पटल पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। 2024 पेरिस ओलिंपिक में डबल ब्रॉन्ज मेडल जीतकर उन्होंने भारत का नाम रोशन किया और अब उन्होंने भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री के लिए आवेदन किया है।
खेल रत्न से पद्मश्री तक का सफर
जनवरी 2025 में भारत सरकार ने मनु भाकर को देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड देकर सम्मानित किया था। यह उनके अब तक के शानदार प्रदर्शन और देश के लिए दिए गए योगदान का नतीजा था। खेल रत्न मिलने के बाद अब मनु भाकर ने एक और बड़ी उपलब्धि की ओर कदम बढ़ाते हुए पद्मश्री के लिए आवेदन किया है।
पेरिस ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन
मनु भाकर ने पेरिस ओलिंपिक 2024 में भारत को शूटिंग में गौरव दिलाया। उन्होंने महिला 10 मीटर एयर पिस्टल और मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीते। यह उपलब्धि न सिर्फ उनके करियर के लिए बल्कि भारतीय शूटिंग इतिहास के लिए भी बेहद खास रही।
उनके शानदार प्रदर्शन ने देशभर के युवाओं को शूटिंग खेल में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया है। खासकर लड़कियों के लिए मनु एक आदर्श बन चुकी हैं, जिन्होंने साबित किया कि मेहनत और लगन से हर मुकाम हासिल किया जा सकता है।
हरियाणा से ओलिंपिक तक
हरियाणा के झज्जर जिले में जन्मी मनु भाकर ने बहुत छोटी उम्र में ही खेलों में कदम रखा। शुरुआत में वह बॉक्सिंग और जूडो जैसे खेलों में भी उतरीं, लेकिन अंततः शूटिंग को अपना करियर चुना। कुछ ही वर्षों में उन्होंने जूनियर स्तर से लेकर सीनियर स्तर तक कई अंतरराष्ट्रीय मेडल जीतकर खुद को एक वर्ल्ड-क्लास शूटर साबित किया।
उपलब्धियां और रिकॉर्ड
2018 में यूथ ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर मनु ने भारत के लिए इतिहास रचा।
ISSF वर्ल्ड कप और एशियन चैंपियनशिप में कई मेडल अपने नाम किए।
कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई खेलों में भी उन्होंने भारत का मान बढ़ाया।
2024 पेरिस ओलिंपिक में डबल ब्रॉन्ज मेडल जीतकर वह चर्चा में रहीं।
पद्मश्री की उम्मीद
मनु भाकर का मानना है कि पद्मश्री अवॉर्ड सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं होगी, बल्कि यह उन सभी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा होगी जो छोटे शहरों और गांवों से निकलकर देश का नाम रोशन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मान मिलने से उनकी जिम्मेदारी और बढ़ जाएगी और वे आगे भी देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती रहेंगी।
मनु भाकर का खेल करियर यह साबित करता है कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। खेल रत्न से लेकर पद्मश्री की ओर उनका सफर उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो खेलों में अपना भविष्य देख रहे हैं। अब देखना होगा कि क्या मनु भाकर को पद्मश्री का सम्मान मिलता है या नहीं, लेकिन इतना तय है कि वह भारतीय खेलों की नई पहचान बन चुकी हैं।
