
भारत के प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक कामाख्या मंदिर अपनी अनूठी परंपराओं और रहस्यमयी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। असम की राजधानी गुवाहाटी के नीलांचल पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर माँ शक्ति के 51 शक्तिपीठों में गिना जाता है। यहां देवी की पूजा बिना मूर्ति के होती है, जो इसे अन्य देवी मंदिरों से बिल्कुल अलग बनाती है।
देवी पूजन बिना मूर्ति के
कामाख्या मंदिर का सबसे विशेष पहलू यह है कि यहां देवी की कोई प्रतिमा या मूर्ति नहीं है। मंदिर में माँ शक्ति की पूजा योनि स्वरूप के रूप में होती है। गर्भगृह में प्राकृतिक चट्टान की आकृति है, जिसे देवी कामाख्या का प्रतीक माना जाता है। यहां निरंतर एक झरने से जल बहता रहता है, जो दिव्यता और पवित्रता का संकेत माना जाता है। श्रद्धालु इसी स्वरूप की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
पौराणिक महत्व
मान्यता है कि जब भगवान शिव के तांडव के समय भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माँ सती के शरीर के टुकड़े किए थे, तब उनके योनि अंग इस स्थान पर गिरे थे। तभी से यह स्थान शक्ति उपासना का केंद्र बन गया। इस वजह से इसे कामाख्या पीठ कहा जाता है।
तांत्रिक साधना का केंद्र
कामाख्या मंदिर को तंत्र साधना की सिद्धभूमि भी कहा जाता है। देश-विदेश से तांत्रिक और साधक यहां साधना के लिए आते हैं। विशेषकर अंबुबाची मेला के समय यहां लाखों श्रद्धालु और साधक इकट्ठा होते हैं। मान्यता है कि इस दौरान देवी की शक्ति सबसे प्रबल होती है और साधना का विशेष फल मिलता है।

वास्तुकला और सौंदर्य
मंदिर की वास्तुकला हिंदू और तांत्रिक शैली का अद्भुत संगम है। मंदिर में कई गुंबद, शिखर और मूर्तियां बनी हुई हैं। गर्भगृह तक जाने वाले रास्ते पर देवी-देवताओं और पौराणिक कथाओं से जुड़ी नक्काशियां देखी जा सकती हैं। लाल रंग से रंगा यह मंदिर दूर से ही भव्य और आकर्षक दिखाई देता है।
धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव
श्रद्धालुओं का मानना है कि कामाख्या मंदिर में देवी के दर्शन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां बिना मूर्ति के पूजा होने के बावजूद भक्तों की आस्था अटूट रहती है। यह स्थान केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और रहस्यवाद के कारण भी लोगों को आकर्षित करता है।
अवश्य करें दर्शन
अगर आप असम की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो गुवाहाटी का कामाख्या मंदिर दर्शन अवश्य करें। यह न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि भारतीय संस्कृति, आस्था और परंपरा की गहराई को समझने का भी अवसर देता है। यहां का वातावरण भक्तों को एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। BY SHRUTI KUMARI
