
भारतीय संस्कृति में यह माना जाता है कि माँ लक्ष्मी वहीं निवास करती हैं, जहाँ स्वच्छता और सकारात्मक ऊर्जा का वास हो। घर के मंदिर को तो विशेष रूप से पवित्र और साफ रखना आवश्यक है, क्योंकि यही वह स्थान है जहाँ हम ईश्वर से जुड़ते हैं और अपनी प्रार्थनाएं अर्पित करते हैं। कहते हैं कि जब मंदिर साफ और सुव्यवस्थित होता है, तो घर में सुख-समृद्धि, शांति और आनंद अपने आप बढ़ जाते हैं। तो आइए जानते हैं वो 5 खास नियम, जिनका पालन करके आप अपने घर के मंदिर में लक्ष्मी जी का स्थायी वास बना सकते हैं।
- रोजाना धूल और जाले हटाएं
मंदिर में धूल या जाले जमना माँ लक्ष्मी को अप्रसन्न कर सकता है। हर सुबह या शाम एक मुलायम कपड़े से मूर्तियों, दीयों और मंदिर की सतह को साफ करें। यह न केवल पवित्रता बनाए रखेगा बल्कि सकारात्मक ऊर्जा भी फैलाएगा।
- पूजा की सामग्री ताज़ी रखें
मुरझाए हुए फूल, सूखे पत्ते या बासी प्रसाद मंदिर में कभी न रखें। हर दिन ताज़े फूल और साफ जल अर्पित करें। यह शुद्धता और ताजगी का प्रतीक है, जो घर में सुख-समृद्धि का संचार करता है। - दीपक और अगरबत्ती की राख साफ करें
दीपक का तेल या घी बदलना और अगरबत्ती की बची हुई राख हटाना जरूरी है। पुराना तेल या गंदी बत्ती मंदिर की शोभा और पवित्रता कम कर देता है। इसलिए रोज़ाना दीपक को धोकर साफ रखें।

- मंदिर में अनावश्यक वस्तुएं न रखें
मंदिर में पूजा से असंबंधित चीजें जैसे बिल, चाबियाँ, मोबाइल या सजावट के टूटे सामान रखने से बचें। मंदिर का स्थान केवल पूजा और भक्ति के लिए होना चाहिए। - साप्ताहिक गहन सफाई करें
रोजाना की सफाई के साथ-साथ सप्ताह में एक दिन मंदिर की गहन सफाई जरूर करें। पीतल या चाँदी की मूर्तियों को चमकाएं, कपड़े धोकर बदलें और मंदिर के आसपास भी स्वच्छता बनाए रखें।
माँ लक्ष्मी को स्वच्छ और सुसज्जित स्थान अत्यंत प्रिय है। अगर आप इन 5 नियमों का पालन करेंगे तो न केवल आपके घर में स्वच्छता बनी रहेगी बल्कि सकारात्मक ऊर्जा, सुख और समृद्धि का प्रवाह भी निरंतर होता रहेगा।
